Friday, March 27, 2020

肺炎疫情:“非典”给香港的教训在新冠疫情中派上多大用场

香港2003年经历“非典型肺炎”(SARS,又译“沙士”),危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

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2008年,色情性&肛交集合美国次贷危机席卷全球,色情性&肛交集合原本为财长和央行行长会议的G20,在这一年11月升格为各国领导人峰会色情性&肛交集合,在华盛顿举行,讨论应对金融危机。第二年伦敦G20峰会上,色情性&肛交集合各国共同承诺向市场注入5万亿美元,色情性&肛交集合稳定经济。是全球继中国大陆后疫情第二严重的地区。香港在非典型肺炎疫情期间累积的经验,在这次新型冠状病毒疫情中上多大用场成为关注焦点。
香港在经历非典型肺炎疫情后,在政府架构内增设了卫生防护中心等部门统筹应付传染病的工作,也在医院加建了不少隔离设施。
当地专家更认为,香港市民的卫生意识显著提高,是香港能否控制这次疫情的关键。
虽然有这样的配套,香港政府处理这次疫情的手法仍然备受批评,危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

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香港截至周四(3月26日) 有453宗新型肺炎确诊个案,有四人死亡。
当地新型肺炎感染数字在疫情初期一直稳定,但过去一星期危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

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香港政府早前公布措施,禁止所有从中国大陆、澳门或台湾以外地区的非香港居民入境,所有入境人士也必须进行14天自我隔离,违反隔离令最高可被判囚六个月危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

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随着确诊病人不断增加,香港大学感染及传染病中心总监何柏良警告,危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

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但他早前也指出,香港市民在新型肺炎疫情初期大多按医护人员的建议戴上口罩,这对控制疫情传播有帮助,否则疫情会比2003年非典型肺炎的时候“严重10倍”。
非典型肺炎当时在香港造成299人死亡,包括八名医护人员,是危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

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当年的疫情过去后,香港立法会和医院管理局先后就疫情处理手法和改善工作作出调查,并提出多项改善建议,包括由医院管理局统筹购买和储备医护人员的个人防护装备、随时储存足够三个月使用量的装备、兴建更多隔离病房等。
香港市民的防疫意识也普遍提高许多,许多人养成患上伤风感冒等危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

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专家留意到,香港政府在某些方面的反应比2003年要迅速许多。例如香危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

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香港政府也在1月下旬新型冠状病毒疫情初情在中国大陆传播初期,已经启动一系列的紧急预案,包括定期召开跨部门会议协调各个政府部门的抗疫工作危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

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Thursday, March 5, 2020

भारत में तेज़ी से बढ़ रहा है कोरोना वायरस?

चीन का पड़ोसी देश होने के बावजूद भारत में कोरोना वायरस का असर अभी तक उस तरह से देखने को नहीं मिला है जैसा दुनिया के कई दूसरे देशों में देखने को मिल रहा है.

चीन के वुहान शहर से शुरू होने वाला कोरोना वायरस अभी तक 60 से अधिक देशों में फैल चुका है. कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा तीन हज़ार के पार पहुंच चुका है. चीन के बाद अगर कोई देश सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं तो वो दक्षिण कोरिया और इटली हैं. ईरान भी बहुत पीछे नहीं है.

दुनिया भर में कोरोना वायरस के संक्रमण के नब्बे हज़ार से अधिक मामले सामने आए हैं लेकिन इनमें से लगभग अस्सी हज़ार मामले अकेले चीन में ही हैं. शोधकर्ताओं ने अभी तक के आंकड़ों के आधार पर पाया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित प्रति एक हज़ार में से एक शख़्स की मौत हुई है.

अगर बात भारत की करें तो भारत में अभी तक कोरोना वायरस के 29 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. इनमें से एक मामला देर रात गुड़गांव में सामने आया. देर रात डिजीटल मनी ट्रांसफ़र कंपनी पेटीएम के हवाले से न्यूज़ एजेंसी एएनआी ने ख़बर दी कि उनके गुरुग्राम स्थित ऑफ़िस में एक शख़्स को कोरोना वायरस संक्रमित पाया गया है. यह शख़्स कुछ दिन पहले ही इटली से लौटा था.

हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर चार मार्च तक 28 मामलों की ही पुष्टि की गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट के मुताबिक़, इन 28 मामलो में से 17 जयपुर में, दिल्ली में एक, आगरा में छह और तेलंगाना में एक केस सामने आया है. इससे पहले केरल में तीन मामले सामने आए थे. हालांकि इन तीनों को ही इलाज के बाद वापस भेज दिया गया.

इन सभी मामलों में तो संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है लेकिन तेलंगाना में अभी दो मामलों के लैब-टेस्ट की रिपोर्ट आने का इंतज़ार है.

इस बीच कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए और एहतियात बरतते हुए नोएडा के दो स्कूलों को कुछ दिन के लिए बंद कर दिया गया है.

स्कूलों में सुरक्षा और सावधानी बरतते हुए गाइडलाइन्स जारी की गई हैं.

स्कूलों के साथ-साथ मेट्रो में भी सावधानी बरती जा रही है. दिल्ली मेट्रो के कर्मचारियों को सैनेटाइज़ रहने और क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए की गाइडलाइन्स को फॉलो करने को कहा गया है. मेट्रो में सावधानी बरतते हुए जल्दी-जल्दी सफ़ाई भी की जा रही है.

इसके पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ''कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए दुनिया भर के विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि एक साथ भीड़ में जमा होने से बचें. इसी को देखते हुए मैंने फ़ैसला किया है कि किसी भी होली मिलन प्रोग्राम में शरीक नहीं होऊंगा.''

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी कहा कि सतर्कता और सुरक्षा उपायों से हम सभी लोगों को COVID-19 के प्रकोप से बचा सकते हैं. एहतियात के तौर पर हम राष्ट्रपति भवन में होली समारोह का आयोजन नहीं करेंगे.

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव श्री पी.के. मिश्रा ने बुधवार को कोरोना वायरस के मुद्दे पर तैयारियों और प्रतिक्रिया की समीक्षा के लिए विभिन्‍न मंत्रालयों की एक बैठक की अध्‍यक्षता की.

इस बैठक में बैठक में मंत्रिमंडल सचिव, विदेश सचिव, स्‍वास्‍थ्‍य, नागर विमानन, सूचना और प्रसारण, नौवहन पर्यटक मंत्रालयों के सचिव, अध्‍यक्ष (भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण), गृह मंत्रालय के सीमा प्रबंधन, सचिव और रक्षा सेनाओं, राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), नीति आयोग और प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्‍ठ अधिकारी शामिल हुए.

आम जनता के बीच 'क्‍या करें और क्‍या न करें' के संबंध में उपयुक्‍त परामर्श सहित जानकारी के प्रसार के लिए सूचना और प्रसार मंत्रालय को स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के साथ मिलकर काम करने को कहा गया है.

Friday, January 31, 2020

سرطان الثدي: ما سر إصابة بعض الرجال بهذا المرض؟

يرتبط حدوث خلل في جينات معينة غالبا بإصابة النساء بمرض سرطان الثدي، لكن الخلل في نفس تلك الجينات يمكن أيضا أن يؤدي إلى تعرض الرجال لمخاطر أخرى.

بدأت القصة بالنسبة لبيت باسانيسي، مع إحساسه بألم يسري كالنار في الجانب الأيسر من صدره، كلما وضع حزام الأمان في سيارته حول جسده.

في بادئ الأمر، ظن الرجل أن ألمه ناجم عن إصابته بشد عضلي أو بحرقة في المعدة. لكنه اكتشف عندما فحص صدره وجود نتوءات صغيرة صلبة، تبدو في ملمسها أشبه بالحلوى المعروفة بـ "سكر النبات".

وفي ديسمبر/كانون الأول 2011، توجه باسانيسي (66 عاما آنذاك) لإجراء فحص للأنسجة، في مستشفى قريب من مسكنه بولاية ميزوري الأمريكية، وشُخِصَت حالته على أنه مصاب بسرطان الثدي من المرحلة الثانية، ليتم استئصال أحد ثدييْه، ثم العقد اللمفاوية الخاصة به بعد أيام قليلة من ذلك.

أما ابنته آني - التي تعتبر أن حزام الأمان في السيارة أنقذ حياة والدها - فقد اكتشفت بعد شهور قليلة مما حدث له، أنها تعاني من العيب الجيني نفسه، الذي قاد لإصابة أبيها بالسرطان. الأمر هنا يتعلق بتحور في جين أو بروتين يحمل اسم BRCA2، يزيد بشكل كبير من خطر الإصابة بسرطان الثدي والمبيض.

الآن، تخضع آني لفحوص وقائية تتكرر كل ستة أشهر، لوقايتها من الإصابة بالسرطان. ويشمل ذلك تصويرا مقطعيا بالرنين المغناطيسي، وكذلك تصوير الثدي بالأشعة السينية. ويقول والدها إن هذه الفحوص تستهدف الاكتشاف المبكر لأي أورام سرطانية قد تتكون بفعل تحور هذا الجين.

المعروف أن الجينيْن المعروفيْن باسميْ BRCA1 و BRCA2 يتوليان تثبيط الأورام ومعالجة أي خلل قد يحدث بشكل طبيعي داخل الحمض النووي "دي إن آيه" للإنسان. وعندما يختل عملهما، تزيد فرص حدوث تحورات أو طفرات جينية، مما يقود للإصابة بالسرطان.

ورغم أن خطر حدوث تحورات في جينيْ BRCA1 و BRCA2 يهدد الرجال والنساء على حد سواء وبنسبة متساوية كذلك، فإن فرص إجراء فحص للرجال للتحقق من إصابتهم بتلك الطفرات تبلغ عُشْرَ نظيرتها المتاحة للنساء. ويتمثل أحد الأسباب المحتملة لذلك، في اعتقاد خاطئ سائد مفاده بأن هذين الجينيْن مرادفان لسرطان الثدي، في وقت لا يصدق فيه الكثير من الرجال أن لديهم أنسجة ثدي من الأصل.

لا يخلو هذا الاعتقاد - رغم عدم صحته - من وجاهة ما. فأنسجة الثدي في جسم الرجل أقل من نظيرتها لدى المرأة، وهو ما يعني أن الرجال يواجهون خطرا أقل على صعيد إمكانية الإصابة بسرطان الثدي، حتى إن كانوا يعانون من خلل أو تحور في جين BRCA2. رغم ذلك، يُعرّضهم وجود خلل من هذا القبيل لمخاطر أخرى.

أول هذه المخاطر هو ما يُحدق ببنات من يعانون من هذا الخلل الجيني، لا سيما أن فرصة انتقاله من الآباء إلى بناتهم مساوية تماما لانتقاله لهن من أمهاتهن. وفي حالة حدوث ذلك، تتعرض الفتيات لخطر الإصابة بسرطان الثدي بحلول سن 70 عاما بنسبة تتراوح ما بين 50 إلى 85 في المئة.

وتقول جولي راني نانجيا، مديرة عيادة الوقاية من السرطان والأمراض شديدة الخطورة في كلية بايلور للطب بمدينة هيوستن الأمريكية: "إذا تم تشجيع عدد أكبر من الرجال على إجراء الفحوص اللازمة في هذا الشأن، سيساعد ذلك النساء (اللواتي تربطهن بهن صلة قرابة) على اتخاذ إجراءات وقائية، مثل الخضوع للفحص بشكل منتظم، إذا كُنّ يعانين من ذلك التحور الجيني".

ولا تقتصر المخاطر التي تهدد الرجال المصابين بهذه الطفرة الجينية على إمكانية انتقالها إلى بناتهم. فخطر إصابة هؤلاء الرجال بسرطان البروستاتا يزيد بواقع الضعف مقارنة بأقرانهم الذين لا يواجهون هذه المشكلة الجينية، وفقا لنتائج دراسة حديثة.

وفي واقع الأمر، يعاني 12 في المئة من الرجال المصابين بسرطان البروستاتا النقيلي، من تحور ما في أي من جينيْ BRCA1 وBRCA2. فضلا عن ذلك، غالبا ما يتسم سرطان البروستاتا الذي يصاب به من يعانون خللا في جين BRCA2، بأنه أكثر شراسة بكثير من نظيره الذي يصيب الرجال الذين لا يواجهون ذلك الخلل الجيني.

ويقول ستيفن نارود، أخصائي علاج الأورام، ورئيس وحدة الأبحاث المتعلقة بسرطان الثدي وفرص انتقاله بين أفراد الأسرة الواحدة في جامعة تورنتو: "أعتقد أنه يتوجب علينا فحص المصابين بسرطان البروستاتا، لاكتشاف ما إذا كانوا يعانون من طفرات جينية من عدمه، وذلك لتجنب احتمالية أن يتبنى الجراحون المسؤولون عن التعامل مع حالاتهم نهجا في العلاج، يقوم على الترقب والانتظار دون اتخاذ إجراءات فعالة. لا ينبغي أن يتعامل الجراح بشكل متحفظ مع سرطان البروستاتا، إذا كان المصاب به يعاني من تحور في أحد جينيْ BRCA1 وBRCA2".

ولعل البيانات المتوافرة تعزز أهمية التعامل السريع مع المرض في هذه الحالة، إذ تفيد بأن نحو 61 في المئة ممن يجمعون بين سرطان البروستاتا والطفرات في أحد جينيْ BRCA1 وBRCA2، يفارقون الحياة خلال خمس سنوات من لحظة تشخيص الإصابة بالسرطان.

المشكلة أنه لا يتسنى لكل المصابين بسرطان البروستاتا بأنواعه المختلفة، البقاء طيلة هذه السنوات الخمس على قيد الحياة. ويرتبط ذلك بمدى التقدم الطبي في الدولة التي يعيشون فيها. فنسبة من ينعمون بتلك الفرصة في المملكة المتحدة مثلا تبلغ 84 في المئة، بينما تقترب في الولايات المتحدة من 99 في المئة.

رغم ذلك، ربما يمكن القول إن المصابين بسرطان البروستاتا، ممن يعانون من خلل في جين BRCA2، أكثر حظا من سواهم، بالنظر إلى أنه يمكن للأطباء أن يتبعوا معهم أساليب علاجية أكثر فاعلية، من تلك التي يتلقاها نظراؤهم ممن لا يحمل حمضهم النووي هذا الخلل الجيني. كما أن تناولهم للعقاقير الدوائية، التي تستهدف تدمير الأورام السرطانية التي نجمت عن تلك الطفرات الجينية على وجه الخصوص، يمكن أن يحقق نتائج إيجابية بشكل أكبر، إذا جرى في مرحلة مبكرة من المرض.

ومن شأن نجاحنا في التعرف على هوية من يعانون من مثل هذه الطفرات الجينية، منح هؤلاء الأشخاص الفرصة لإجراء فحوص واختبارات منتظمة، بهدف رصد أي مؤشرات مبكرة لتكوّن أورام سرطانية.

وتدعو روزاليند إليز، خبيرة في الأمراض السرطانية الوراثية في معهد أبحاث السرطان في لندن، إلى إجراء تحليل دم دوري لكل الرجال الذين يعانون من طفرة في جين BRCA2، ممن تزيد أعمارهم على أربعين عاما. وقد سبق أن أشرفت إليز على الدراسة التي أشرنا إليها سابقا، بشأن زيادة خطر إصابة، من يعانون من ذلك الخلل الجيني، بسرطان البروستاتا.

ومن الممكن أن يتم من خلال تحليل الدم هذا، اكتشاف ما إذا كان هناك ارتفاع في مستوى بروتين، يُطلق عليه اسم "المستضد البروستاتي النوعي". فارتفاع مستوى هذا البروتين، قد يشير إلى وجود شيء ما، على غير ما يرام في البروستاتا. وفي المعتاد، يمكن أن ينجم ذلك الارتفاع عن عوامل عدة، من بينها الإصابة بالتهابات المسالك البولية مثلا، لكن تزامن حدوثه مع وجود خلل في جين BRCA2، يجعله أكثر ارتباطا، بإمكانية الإصابة بالسرطان. ويعني ذلك أن تحليل الدم في تلك الحالة، سيشكل وسيلة فعالة لرصد أي أورام سرطانية في طور النمو.

وتقول إليز: "تفيد البيانات التي جمعناها، بأنه من الضروري أن يُمنح الرجال الذين يعانون من طفرات في جين BRCA2 الفرصة لإجراء تحليل دم سنوي، للتعرف على مستوى بروتين 'المستضد البروستاتي النوعي ' لديهم، وذلك لتحديد ما إذا كانوا بحاجة للخضوع لتصوير مقطعي بالرنين المغناطيسي ولأخذ عينة من نسيج البروستاتا لفحصه، أم لا".

وتضيف: "نأمل في أن تضع لجنة الإرشادات التابعة للرابطة الأوروبية لأمراض المسالك البولية هذا الأمر في الحسبان، كي يتسنى لها وضع توصية إرشادية (ملائمة للتعامل مع ذلك الوضع) بعد دراسة البيانات التي توصلنا إليها".

ففي المملكة المتحدة على سبيل المثال، لا تزال الإرشادات المتعلقة بإجراء الاختبارات الجينية، توصي بأن يقتصر الخضوع للفحوص الرامية لتحديد ما إذا كان المرء يعاني من تحورات في جين BRCA2 من عدمه، على أفراد العائلات ذات التاريخ المرضي المتعلق بالإصابة بسرطان الثدي أو المبيض أو البروستاتا.

أما في الولايات المتحدة، فتوصي الإرشادات الخاصة بالاختبارات نفسها، بألا يُجرى هذا الفحص إلا عندما يكون "التاريخ المرضي للشخص أو الأسرة، يشير إلى إمكانية حدوث تحور ضار في جينيْ BRCA1 أو BRCA2".

ورغم أن ذلك يعني أن تلك الفحوص ستشمل الرجال المصابين بالنمط العدواني من سرطان البروستاتا، فإن المشكلة تبقى في أن كلا البلدين، يفتقران لخطة وقاية يُعتد بها في هذا الصدد، ويجري تنفيذها بالفعل على أرض الواقع.

وتقول جولي نانجيا إن من بين الخطوات الرئيسية اللازمة لوضع مثل هذه الخطة، تغيير المفهوم الخاطئ السائد بين العامة، الذي يفيد بأن طفرات وتحورات جينيْ BRCA1 و BRCA2، تزيد مخاطر الإصابة بالسرطان لدى النساء وحدهن.

وقد يُصحح هذا المفهوم بوتيرة أسرع، إذا أوصى عدد أكبر من الأطباء، بإجراء اختبارات جينية، للأشخاص المعرضين لخطر الإصابة بالسرطان. لكن كثيرا من الأطباء المسؤولين عن تقديم خدمات الرعاية الصحية الأولية، يشعرون - للأسف - بعدم ارتياح للتوصية بشيء ما، ربما لا يعرفون كيفية تفسيره بوضوح لمرضاهم.

من جهة أخرى، ربما لا يكون من السهل تحديد من هم الأشخاص المعرضين أكثر من سواهم لخطر الإصابة بسرطان البروستاتا. ويتطلب الأمر في البداية - كما تقول نانجيا - برسم ملامح التاريخ المرضي لأسر هؤلاء بشكل شامل.

وتشير نانجيا هنا إلى ما تقوم به في هذا الصدد خلال ممارستها لعملها في كلية بايلور للطب في مدينة هيوستن، إذ تطلب وزملاؤها العاملون معها من المرضى تذكر التاريخ المرضي لثلاثة أجيال سابقة لهم سواء من جهة الأب أو الأم. إذ أن الخطر لا يكمن في وجود هذه الاختلالات الجينية لدى قريب مباشر لك، بل يمكن أن تتأثر بوجودها عند أحد أجدادك، أو لدى عمة والدك أو والدتك.

لكن القدرة على الاعتناء بكل هذا التفاصيل، قد لا تتوافر في كل المراكز والمنشآت الطبية. فـ "آني" ابنة "بيت باسانيسي" مثلا، تقول إن العيادة التي تتردد عليها، لا تُدرج خانة للأقارب الذكور ممن أصيبوا بسرطان الثدي، في استمارة التاريخ المرضي لأسرة المريض، وهو ما يسبب لها مشكلة، في ضوء أن قريبها الذي أصيب بذلك المرض، هو والدها.

ومن شأن وجود أوجه قصور مثل هذه، عرقلة عملية جمع المعلومات اللازمة في هذا الإطار بشكل روتيني، وهو ما يعني أن الكثيرين لن يكونوا على دراية بالمخاطر الجينية التي قد تواجههم.

في الوقت نفسه، أدى انخفاض تكلفة إجراء الاختبارات الجينية وتزايد فرص توافرها، إلى تشجيع عدد أكبر من الناس على السعي لاستكشاف المخاطر، التي قد تواجه صحتهم على هذا الصعيد. فالآن بات بوسع أي شخص أن يفحص مئات من المتغيرات الجينية الموجودة في حمضه النووي، بتكاليف لا تزيد عن 250 دولارا أمريكيا، ودون أن يضطر لانتظار تحويله من طبيب لإجراء هذا الفحص، وبصرف النظر عن التاريخ المرضي لأسرته.

Monday, January 13, 2020

ليبيا: هل ينجح أردوغان وبوتين في تحقيق وقف لإطلاق النار؟

دعت كل من تركيا وروسيا، الأربعاء 8 من يناير/كانون الثاني، الأطراف المتصارعة في ليبيا إلى وقف لإطلاق النار ابتداء من منتصف ليل الأحد 12 من يناير/كانون الثاني، لإعطاء فرصة للحل السلمي في مسعى لإيجاد تسوية سياسية للصراع الليبي.

وعقب لقاء جمع الرئيس التركي، رجب طيب أردوغان، مع نظيره الروسي، فلاديمير بوتين، في اسطنبول، دعت أنقرة وموسكو، إلى إنهاء الأعمال العدائية وإعادة الحياة إلى طبيعتها في العاصمة طرابلس، والمدن الليبية الأخرى.

وأضاف بيان صادر عن اجتماع الرئيسين أن الصراع الدائر "يقوض الأمن الإقليمي ويؤدي إلى زيادة الهجرة غير الشرعية وانتشار السلاح والإرهاب والأنشطة الإجرامية الأخرى".

ورحبت الأمم المتحدة بدعوات وقف إطلاق النار، ودعت الأطراف الليبية إلى التعامل معها بإيجابية.

من جانبه، رحب المجلس الرئاسي لحكومة الوفاق الوطني الليبية، المعترف بها دوليا، بما أسماه "مساعي الدول الصديقة لإيجاد حل للأزمة في ليبيا". وأكد المجلس في بيان: "حرصه الدائم على حقن الدماء وسلامة الوحدة الوطنية واعتماد الحل السياسي لإنهاء الأزمة".

في المقابل وتعليقا على دعوة وقف إطلاق النار، أكد أحمد المسماري، الناطق الرسمي باسم قوات حفتر: "استمرار جهود القوات المسلحة في حربها على المجموعات الإرهابية المصنفة بقرارات من مجلس الأمن الدولي التي تثبت عبر التجربة أنه لا سبيل لإقامة الدولة المدنية إلا بالقضاء التام عليها".

وتدعم أنقرة حكومة الوفاق الوطني بشكل صريح، كما وافق البرلمان التركي، الخميس 2 من يناير/ كانون الثاني، على طلب الرئاسة التركية إرسال جنود إلى ليبيا بناء على اتفاق تعاون عسكري وأمني وقعته أنقرة مع حكومة الوفاق الوطني الليبية.

وتؤكد أنقرة أنها تسعى من خلال دعمها حكومة الوفاق الوطني إلى إحداث نوع من التوازن على الأرض، لإجبار قوات حفتر والأطراف المؤيدة لها على القبول بالحلول السياسية.

ووقعت كل من أنقرة وحكومة الوفاق الوطني الليبي، 27 من نوفمبر/تشرين الثاني 2019، مذكرتي تفاهم تتضمن الأولى ترسيم الحدود الملاحية في البحر المتوسط، بينما تتناول الثانية التعاون العسكري والأمني بين الطرفين.

وتمكنت قوات اللواء خليفة حفتر، الاثنين 6 من يناير/كانون الثاني، من تحقيق تقدم عسكري بتمكنها من السيطرة على مدينة سرت، ذات الأهمية الاستراتيجية، والتي تبعد نحو 450 كيلومترا عن العاصمة طرابلس. وقد يشجع السيطرة على مدينة سرت قوات حفتر على الاستمرار في محاولتها دخول العاصمة طرابلس، حيث تتمركز القوات المؤيدة لحكومة الوفاق الوطني.

وتشن قوات حفتر، منذ أبريل/ نيسان 2019، حملة للسيطرة على العاصمة طرابلس. وتعهد حفتر في أكثر من مناسبة بقرب "ساعة الصفر"، في إشارة إلى دخول العاصمة طرابلس، على حد وصفه.

ويلقى حفتر دعما معلنا من كل من مصر والإمارات، فضلا عن عدد من المرتزقة الذين يحاربون إلى جانب قواته. وعلى الرغم من عدم تصريح موسكو بدعمها لحفتر، فإن غض الكرملين الطرف عن الأعداد المتزايدة للمرتزقة الروس المساندين لقوات حفتر يشير إلى دعم روسي، وإن كان غير معلن.

وفي يونيو/حزيران 2019، التقى بوتين، في العاصمة الروسية موسكو، حفتر للمرة الأولى بشكل رسمي ومعلن. وتؤكد روسيا سعيها إلى إيجاد حل سياسي للأزمة دون وقوفها مع طرف ضد الآخر.

وعلى مسار آخر، أكد وزراء خارجية فرنسا ومصر واليونان وقبرص، عقب اجتماعهم في القاهرة، الأربعاء 8 من يناير/كانون الثاني، معارضتهم لقرار تركيا إرسال قوات إلى ليبيا، ولاتفاق بحري أبرمته أنقرة مع حكومة الوفاق الوطني في نوفمبر/ تشرين الثاني 2019.

وفي إشارة إلى مدى الانقسام الدولي بشأن ليبيا، يلاحظ أنه علي الرغم من حضور وزير خارجية إيطاليا لاجتماع القاهرة، فإنه غاب عن المؤتمر الصحفي، ولم توقع إيطاليا على بيان ختامي للاجتماع، بحسب ما أعلن في المؤتمر الصحفي.

وأكد وزير خارجية فرنسا، جان إيف لو دريان، أن حل الأزمة الليبية يستدعي حوارا ليبيا - ليبيا، وتوجها سياسيا يدعمه بشكل خاص اللاعبون الإقليميون في المنطقة ودول جوار ليبيا.

وتشهد ليبيا صراعا على السلطة منذ عام 2014 بين معسكرين أحدهما في طرابلس والآخر في شرق البلاد. وعرقل هجوم حفتر على طرابلس جهود الأمم المتحدة للوساطة في تسوية سياسية.

Tuesday, January 7, 2020

भारत के लिए श्रीलंका से जीतना बेहद महत्वपूर्ण क्यों?

इस बयान में कहा गया है कि 2015 में इन क्लीनिक के उद्घाटन से लेकर नवंबर 2019 तक इन क्लीनिक के ज़रिए दो करोड़ मरीज़ों का इलाज किया गया है. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इराक़ की राजधानी बग़दाद में लगातार दूसरी रात को अमरीकी दूतावास के कंपाउंड के पास रॉकेट हमले हुए हैं. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

एक सूत्र ने बीबीसी को बताया कि चार राउंड रॉकेट बग़दाद के ग्रीन ज़ोन में दूतावास के पास छोड़े गए. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वहीं, इस घटना के बाद अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर एक बार फिर कहा है कि अगर ईरान किसी अमरीकी शख़्स या उसकी संपत्ति को निशाना बनाता है तो वो उस पर उसी तेज़ी से हमला करेगा. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमरीकी हवाई हमले में ईरान के कमांडर क़ासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद ईरान के विदेश मंत्री जव्वाद ज़रीफ़ और अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से बात की है. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारतीय विदेश मंत्री से बातचीत की जानकारी पोम्पियो ने भी ट्वीट की है. उन्होंने लिखा कि ईरान के ख़तरों और उकसावे को लेकर उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री से बात की है. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसके बाद उन्होंने लिखा कि ट्रंप प्रशासन अमरीकियों, उसके दोस्तों और सहयोगियों को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी काम में संकोच नहीं करेगा. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पाकिस्तान के पेशावर में सिख समुदाय के एक युवक की हत्या के मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान को इस घटना के दोषियों को पकड़कर जल्द से जल्द सज़ा देनी चाहिए. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

रविवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री इमरान ख़ान ने ट्वीट कर कहा था कि ननकाना साहिब गुरुद्वारे में हुई तोड़फोड़ की घटना और भारत में मुसलमानों पर हमलों की घटना में बड़ा अंतर है. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सिख युवक की हत्या के मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को दूसरे देशों को उपदेश देने की जगह अपने यहां के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क़दम उठाना चाहिए. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसकी पाकिस्तान से मांग है कि वो टालमटोल करना बंद करे और इस जघन्य काम के दोषियों को दंडित करने के क़दम उठाए. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत और श्रीलंका के बीच रविवार को खेला जाने वाला पहला टी-20 मैच गीली पिच के कारण रद्द कर दिया गया. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

गुवाहाटी में टॉस के बाद बारिश शुरू हो गई. कुछ समय बाद जब बारिश रुकी तो पिच नरम पड़ गई थी. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अंपायरों ने कई बार फ़ील्ड का निरीक्षण किया लेकिन पिच पर नमी के कारण एक भी गेंद नहीं डाली जा सकी. बरसापरा क्रिकेट स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच को देखने 35 हज़ार लोगों की भीड़ पहुंची थी. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

ग्राउंडमैन ने पिच को सुखाने के लिए स्टीम आयरन, रॉलर और ड्रायर तक का इस्तेमाल किया. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

दिल्ली में विधानसभा चुनावों से पहले रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 152 मोहल्ला क्लीनिक का उद्घाटन किया. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसके बाद दिल्ली में अब मोहल्ला क्लीनिक की संख्या 450 हो चुकी है. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

दिल्ली सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि 152 मोहल्ला क्लीनिक का उद्घाटन एक विश्व रिकॉर्ड है. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसकी जानकारी एस. जयशंकर ने ट्वीट करके दी है. सबसे पहले उन्होंने ज़रीफ़ से बातचीत की जानकारी ट्वीट की. उन्होंने कहा तनाव के स्तर को लेकर भारत की गहरी चिंताएं हैं. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

जयशंकर ने इसके कुछ घंटों बाद अमरीकी विदेश मंत्री से बातचीत की जानकारी ट्वीट कर साझा की. उन्होंने कहा कि अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को उन्होंने भारत की चिंताओं से अवगत कराया है. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारतीय विदेश मंत्री से बातचीत की जानकारी पोम्पियो ने भी ट्वीट की है. उन्होंने लिखा कि ईरान के ख़तरों और उकसावे को लेकर उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री से बात की है. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसके बाद उन्होंने लिखा कि ट्रंप प्रशासन अमरीकियों, उसके दोस्तों और सहयोगियों को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी काम में संकोच नहीं करेगा. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पाकिस्तान के पेशावर में सिख समुदाय के एक युवक की हत्या के मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान को इस घटना के दोषियों को पकड़कर जल्द से जल्द सज़ा देनी चाहिए. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

रविवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री इमरान ख़ान ने ट्वीट कर कहा था कि ननकाना साहिब गुरुद्वारे में हुई तोड़फोड़ की घटना और भारत में मुसलमानों पर हमलों की घटना में बड़ा अंतर है. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सिख युवक की हत्या के मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को दूसरे देशों को उपदेश देने की जगह अपने यहां के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क़दम उठाना चाहिए. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

राक़ की राजधानी बग़दाद में लगातार दूसरी रात को अमरीकी दूतावास के कंपाउंड के पास रॉकेट हमले हुए हैं. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

एक सूत्र ने बीबीसी को बताया कि चार राउंड रॉकेट बग़दाद के ग्रीन ज़ोन में दूतावास के पास छोड़े गए. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वहीं, इस घटना के बाद अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर एक बार फिर कहा है कि अगर ईरान किसी अमरीकी शख़्स या उसकी संपत्ति को निशाना बनाता है तो वो उस पर उसी तेज़ी से हमला करेगा. मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसकी पाकिस्तान से मांग है कि वो टालमटोल करना बंद करे और इस जघन्य काम के दोषियों को दंडित करने के क़दम उठाए. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत और श्रीलंका के बीच रविवार को खेला जाने वाला पहला टी-20 मैच गीली पिच के कारण रद्द कर दिया गया. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

गुवाहाटी में टॉस के बाद बारिश शुरू हो गई. कुछ समय बाद जब बारिश रुकी तो पिच नरम पड़ गई थी. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अंपायरों ने कई बार फ़ील्ड का निरीक्षण किया लेकिन पिच पर नमी के कारण एक भी गेंद नहीं डाली जा सकी. बरसापरा क्रिकेट स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच को देखने 35 हज़ार लोगों की भीड़ पहुंची थी. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

ग्राउंडमैन ने पिच को सुखाने के लिए स्टीम आयरन, रॉलर और ड्रायर तक का इस्तेमाल किया. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

दिल्ली में विधानसभा चुनावों से पहले रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 152 मोहल्ला क्लीनिक का उद्घाटन किया. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसके बाद दिल्ली में अब मोहल्ला क्लीनिक की संख्या 450 हो चुकी है. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

दिल्ली सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि 152 मोहल्ला क्लीनिक का उद्घाटन एक विश्व रिकॉर्ड है. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इस बयान में कहा गया है कि 2015 में इन क्लीनिक के उद्घाटन से लेकर नवंबर 2019 तक इन क्लीनिक के ज़रिए दो करोड़ मरीज़ों का इलाज किया गया है. अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

Monday, December 30, 2019

डेटिंग ऐप डिलीट क्यों करना चाहते हैं आज के नौजवान?

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब इन चार दोषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.

बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.

बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है.

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.

अब इन चार दो अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक मषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब इन चार दोषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.

बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.